दुनिया के सबसे बड़े राम मंदिर का निर्माण बिहार के चंपारण में किया जा रहा है, पटना के महावीर मंदिर द्वारा बनाए जा रहे इस मंदिर का भूमिपूजन वर्ष 2012 में किया गया था और इसके 2026 तक पूरा बनकर तैयार होने की संभावना है।
विश्व का सबसे बड़ा राम मंदिर कहां बन रहा है
अयोध्या से जनकपुरी तक जाने वाले रास्ते के बीच में पड़ने वाले इस स्थान के बारे में माना जाता है की विवाह के समय राम जी की बारात यहां विश्राम करने के लिए रुकी थी। इस मंदिर को रामायण मंदिर के नाम से जाना जाएगा जिसमे सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएगी।
पटना महावीर मंदिर के आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि निर्माण पूरा होने के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर होगा। मंदिर निर्माण कार्य 2023 से शुरू हो चुका है तथा अभी मंदिर की नींव के लिए पाइलिंग की जा रही है। पाइलिंग से मंदिर को लंबे समय तक मजबूती मिलेगी।
कितना बड़ा होगा दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर
- चंपारण में बन रहे इस मंदिर की लंबाई 1080 फीट चौड़ाई 560 फीट एवम ऊंचाई 280 फीट होगी।
- इसे 150 एकड़ से भी अधिक भूमि में बनाया जायेगा।
- मंदिर का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 60 हजार वर्ग फीट से अधिक होगा।
- कंबोडिया के अंकोरवाट से भी बड़ा होगा रामायण मंदिर।
- मंदिर परिसर में कुल 12 विशाल मंदिर होंगे जिनमे प्रमुख मंदिर 3 मंजिला होगा।
- मंदिर की नीव में 3000 से ज्यादा पाईलों का फाउंडेशन बनाया गया है जो मंदिर को 8 रिएक्टर से अधिक क्षमता वाले भूकंप में भी सुरक्षित रखेगा।
- पाइलिंग के लिए 1100 टन स्टील एवम 18000 मीटर क्यूब कांक्रीट का प्रयोग किया गया है।
- मंदिर निर्माण में कुल 500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी जो पटना के महावीर मंदिर द्वारा वहन की जाएगी।
रामायण मंदिर निर्माण शैली
रामायण मंदिर की निर्माण शैली कंबोडिया के ओंकारवाट मंदिर, रामेश्वरम के रंगनाथस्वामी मंदिर एवम मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर की शैलियों का मिश्रित रूप होगा। मंदिर परिसर एक नहीं बल्कि कई अनेक प्रमुख मंदिर होंगे जिनमे राम सीता, शिव पार्वती, राधा कृष्ण आदि प्रमुख मंदिर होंगे।
परिसर में कुल 12 प्रमुख मंदिर होंगे जिनमे 22 गर्भगृह होंगे एवम प्रमुख मंदिर की ऊंचाई 280 फीट होगी उसके बाद 4 अन्य मंदिरों की ऊंचाई 240 फीट होगी। मंदिर का निर्माण सीमेंट, स्टील एवम पत्थरों से किया जायेगा तथा सजावट का कार्य ग्रेनाइट पत्थरों से किया जायेगा।
मंदिर निर्माण कार्य में लगने वाला समय
मंदिर का भूमि पूजन तो वर्ष 2012 में कर लिया गया था लेकिन जमीन विवाद एवम अन्य तकनीकी कारणों की वजह से मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका था। भूमि विवाद एवम तकनीकी कारणों को दूर करने में लगभग 9 वर्ष का समय लग गया और अब मंदिर निर्माण का कार्य पूरी क्षमता के साथ शुरू कर दिया गया है।
मंदिर निर्माण का कार्य 2026 तक पूरा हो जाएगा एवम 2026 में मंदिर में पूर्ति स्थापना एवम प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर ट्रस्ट एवम आचार्य किशोर कुमार के अनुसार मंदिर निर्माण में जो देरी भूमि विवाद की वजह से हुई है उसे अधिक क्षमता से कार्य करके पूरा किया जायेगा। मंदिर में 20,000 लोगो की क्षमता वाला विश्राम गृह भी आगंतुकों के लिए बनाया जायेगा।
रामायण मंदिर की विशेषताएं
- इस मंदिर को उस स्थान पर बनाया जा रहा है जहां भगवान राम की बारात ने जनकपुर जाते समय विश्राम किया था।
- यह मंदिर, निर्माण पूरा होने के बाद विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बन जायेगा।
- इस मंदिर का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 60 हजार वर्ग फीट से ज्यादा होगा
- इस मंदिर को पटना के महावीर स्वामी मंदिर द्वारा बनाया जा रहा है।
- मंदिर परिसर में कुल 12 मंदिर एवम 22 गर्भगृह होंगे।
- इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा जिसकी ऊंचाई 33 फीट होगी।
- मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर की ऊंचाई 280 फीट होगी।
- मंदिर निर्माण कार्य वर्ष 2026 तक संपन्न होने की उम्मीद है।
महावीर स्वामी मंदिर का अयोध्या राम मंदिर को सहयोग
महावीर स्वामी मंदिर पटना द्वारा अयोध्या राम मंदिर को 2-2 करोड़ रुपए की पांच किश्त प्रतिवर्ष के हिसाब से कुल 10 करोड़ रुपया एवम सोने से बने हुए धनुष बाण भी अयोध्या राम मंदिर को दान दिए गए है। राम मंदिर निर्माण के लिए किसी भी मंदिर द्वारा दी गई यह सबसे बड़ी भेट है। इस से ज्यादा राशि एकल रूप से मोरारी बापू द्वारा (11.3 करोड़ रुपए) एवम गुजरात के गोकुल भाई भट्ट द्वारा (11 करोड़ रुपए) राम मंदिर अयोध्या को दान किए गए है।