अयोध्या के बीचों बीच स्थित दशरथ भवन जो अयोध्या के राजा दशरथ का महल था। यही पर प्रभु श्री राम एवम उनके भाईयो का जन्म हुआ था तथा यहीं पर वे सभी पले बड़े थे। आज दशरथ भवन एक मंदिर का रूप ले चुका है जिसमे प्रभु श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण जी आदि देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित है। दशरत भवन के इतिहास, महत्व एवम अन्य जानकारियों के लिए पूरा लेख पढ़े।
दशरथ भवन का इतिहास
वर्तमान दशरथ भवन उतना बड़ा एवम भव्य नही है जितना त्रेता युग में राजा दशरथ का महल था लेकिन इसे ठीक उसी जगह बनाया गया है जहां राजा दशरथ का महल हुआ करता था। यहां राजा दशरथ अपने परिवार एवम रिस्तेदारो के साथ यहां रहते थे। दशरथ भवन को बड़ी जगह या बड़ा स्थान के नाम से भी जाना जाता है।
वर्तमान में दशरथ भवन एक भव्य मंदिर है जो की प्रभु श्री राम को समर्पित है। दशरथ भवन में श्री राम, माता सीता, भरत जी, लक्ष्मणजी, राजा दशरथ एवम उनकी पत्नियों की तथा और भी कई प्रतिमाएं स्थापित है तथा यहां उनकी सेवा होती है
दशरथ भवन की खासियत
मंदिर को पीले रिंग से रंगा गया है एवम् दीवारों पर सुंदर चित्रों की अद्भुत कारीगरी की गई है। मंदिर में हमेशा भक्तिमय माहौल बना रहता है। मंदिर में प्रवेश करते ही सैकड़ों साधु महात्मा भगवा कपड़े में बैठे हुए रामायण की चौपाइयों एवम मंत्रों का उच्चारण करते हुए मिल जाते है। दशरथ भवन में वैष्णव परंपरा की प्रसिद्ध पीठ स्थापित है।
दशरथ महल का महत्व एवम खुलने का समय
चैत्र नवरात्रि, राम विवाह, दीपावली श्रावण मेला एवम अन्य त्योहार यहां बड़े धूम धाम से मनाए जाते है। इन त्योहारों में सम्मिलित होने एवम दर्शन करने के लिए यहां दूर दूर से लोग आते है। दशरथ भवन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक एवम शाम को 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक भक्तो के लिए खुला रहता है। दशरथ भवन में सुबह 6 से 7 बजे तक एवम शाम को 9 से 10 बजे तक आरती होती है।
दशरथ भवन से संबंधी जानकारी
- दशरथ भवन अयोध्या के बीचों बीच स्थापित है।
- दशरथ भवन एक भव्य मंदिर है जो प्रभु श्री राम को समर्पित है।
- दशरथ भवन हनुमान गढ़ी मंदिर से मात्र 100 मीटर एवम राम जन्म भूमि से मात्र 400 मीटर की दूरी पर स्थित है।
- वर्तमान मंदिर का जीर्णोद्वार अयोध्या के सिद्ध संत स्वर्गीय जयराम दास ने करवाया था।
- यहां लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है।
- प्रभु श्री राम का बचपन यहां बीतने से इस भवन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
अगर आप अयोध्या घूमने जा रहे है तो दशरथ महल के दर्शन करना ना भूले। कहा जाता है की जो भी व्यक्ति दशरथ भवन के दर्शन करता है उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।