कनक भवन अयोध्या का रामायण में अपना अलग महत्व है। राम जन्म भूमि के उत्तर पूर्व में स्थित इस भवन के बारे में कहा जाता है की इसे महारानी कैकई द्वारा माता सीता को विवाह उपरांत भेट किया गया था। यह प्रभु श्री राम एवम् माता सीता का निज भवन भी माना जाता है। इसे स्वर्ण भवन के नाम से भी जाना जाता है।
कनक भवन का इतिहास
मूल कनक भवन माता सीता एवम् प्रभु श्री राम का निज भवन था। कालांतर में कनक भवन टूट करके एक मिट्टी एवम् पत्थर के टीले में बदल गया था। त्रेता युग में प्रभु श्री कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मणि के साथ अयोध्या आए थे तब उनको इस टीले पर बैठकर आनंद की अनुभूति हुई तब उन्होंने दिव्य दृष्टि से जाना की यहां प्रभु श्री राम का कनक भवन स्थापित था। उस समय श्री कृष्ण द्वारा कनक भवन का जीर्णोद्वार करवाया गया। मध्य काल में लगभग 2000 वर्ष पूर्व इसका जीर्णोद्वार महाराजा विक्रमादित्य द्वारा करवाया गया। वर्तमान कनक भवन का निर्माण ओरछा की रानी वृषभानु कंवरी द्वारा सन 1891 में करवाया गया।
कनक भवन का महत्व
कनक भवन यानी की सोने का महल। इस महल के बारे में कहा जाता है की यहां बेशकीमती हीरे और जवाहरात जड़े हुए थे। माना जाता है की मूल कनक भवन का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा महाराजा दशरथ के कहने पर किया गया था। आज भी राम भक्त और साधु संतो का मानना है की प्रभु श्री राम और माता सीता यहां विचरण करते है। यहां आकर राम भक्त अपने सभी दुखों को भूल जाते है एवम प्रभु श्री राम के चरणो में खो जाते है।
कनक भवन के बारे में मान्यता है की यहां प्रभु श्री राम के अलावा अन्य किसी पुरुष को आने की अनुमति नहीं थी लेकिन हनुमान जी कनक भवन के बाहर स्थित उद्यान में हमेशा पहरेदार के रूप में उपस्थित रहते थे। कनक भवन के गर्भाशय में केवल माता सीता एवम प्रभु श्री राम की मूर्ति स्थापित है। माना जाता है की प्रभु श्री राम एवम माता सीता के देह त्याग के बाद उनके पुत्र कुश ने इस भवन में मूर्ति स्थापना करवाई थी।
कनक भवन में दर्शन का समय एवम मानये जानें वाले त्योंहार
कनक भवन सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक भक्तो के लिए खुला रहता है। कनक भवन में श्री राम नवमी, दीपावली, राम विवाह, हनुमान जयंती आदि त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाए जाते है।
कनक भवन कैसे पहुंचे
कनक भवन जाने के लिए निकटतम एयरपोर्ट लखनऊ हवाई अड्डा अयोध्या से 152 किमी की दूरी पर स्थित है यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन लखनऊ रेलवे स्टेशन 128 किमी एवम प्रयागराज रेलवे स्टेशन 157 किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए अयोध्या बस स्टैंड 4 किमी दूर एवम गोरखपुर बस स्टैंड 138 किमी की दूरी पर स्थित है।