ओडिशा के नयागढ़ में राम मंदिर का निर्माण हुआ है जिसकी प्राण प्रतिष्ठा भी राम मंदिर अयोध्या के साथ 22 जनवरी 2024 को हुई है। राम मंदिर की तर्ज पर बने इस मंदिर का निर्माण गांव वालो के सहयोग से किया गया है।
नयागढ़ राम मंदिर का इतिहास
ओडिशा के नयागढ़ जिले के फतेगढ़ गांव में स्थित यह मंदिर 150 फीट ऊंची पहाड़ी पर बनाया गया है। इस मंदिर का प्राचीन इतिहास रहा है, पुराने समय से अभी तक गांव के लोग इस पहाड़ी पर बारिश के लिए पूजा करते है इसलिए इसे गिरी गोवर्धन भी कहा जाता है।
मंदिर का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू किया गया था, मंदिर निर्माण के लिए गांव वालो ने 10 करोड़ रुपए चंदे के रूप में एकत्रित किए थे जिस से इस मंदिर का निर्माण संभव हुआ है।
नयागढ़ राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा
जिस दिन पूरा देश राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में उत्सव मना रहा था उसी दिन नयागढ़ में उत्सव की खुशियां दोगुनी हो रही थी। 22 जनवरी 2024 को नयागढ़ में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ, नयागढ़ राम मंदिर अयोध्या राम मंदिर की ही तर्ज पर बनाया गया है।
मंदिर में मूर्ति स्थापना एवम् प्राण प्रतिष्ठा के समय 3 दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया जिसका समापन 24 जनवरी 2024 को हुआ। मंदिर में राम, सीता एवम लक्ष्मण की 5.5 फीट की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। मंदिर में स्थापना के लिए प्रतिमाएं राजस्थान से लाई गई है एवम ये प्रतिमाएं संगमरमर पत्थर से बनाई गई है।
नयागढ़ राम मंदिर की विशेषताएं
- इस मंदिर को अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है।
- मंदिर निर्माण में 10 करोड़ रुपए की लागत आई है एवम यह रुपया गांव वालो ने ही एकत्रित किया है।
- मंदिर की कुल ऊंचाई 73 फीट एवम गर्भगृह की ऊंचाई 65 फीट है।
- मंदिर निर्माण में 7 वर्ष एवम प्रतिदिन 150 मजदूरों की मेहनत लगी है।
- मंदिर दर्शन के लिए गांव की मुख्य सड़क से मंदिर तक 2 किमी की सड़क बनाई गई है ताकि भक्त जन बिना किसी असुविधा के मंदिर तक पहुंच सके।
- भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए गांव की महिलाएं कलश में जल भर कर मंदिर तक लाई थी ताकि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हो सके।
नयागढ़ राम मंदिर निर्माण शैली
नयागढ़ राम मंदिर को ओडिशा की पारंपरिक निर्माण शैली में बनाया गया है एवम् यह अयोध्या राम मंदिर, तारा तारिणी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर की स्थापत्य कला से मेल खाता है।
मंदिर को बैकुलम पत्थर से बनाया गया है जिसकी सुंदरता पहाड़ों के बीच में होने से और भी बढ़ जाति है। मंदिर के चारो ओर नागर शैली के समान हनुमान जी, शिव जी, गणेश जी एवम् सूर्य देव के 4 मंदिर बनाए गए है।
मंदिर निर्माण की कहानी
गांव के प्रधान चक्रधर चौधरी का कहना है की उनको भगवान ने सपने में आकर कहा कहा था कि गांव की तरक्की के लिए गांव की पहाड़ी पर एक मंदिर निर्माण की आवश्यकता है, चक्रधर चौधरी ने यह बात कुछ गांव वालो को बताई तो पूरे गांव में यह बात फैल गई।
इसके बाद गांव वालो की सहमति से मंदिर निर्माण के लिए चंदा इक्कठा करना शुरू कर दिया जिसमे स्वयं चक्रधर चौधरी ने 1 लाख रुपए का दान दिया। धीरे धीरे करते हुए चंदे के रूप में 10 करोड़ रुपए इक्कठा हो गए जिस से मंदिर का निर्माण किया गया है।
नयागढ़ में दर्शन के लिए प्रमुख स्थान
पूर्वी ओडिशा में स्थित नयागढ़ जिला “बुधबुधियानी सिंचाई प्रोजेक्ट” के लिए जाना जाता है इसके साथ यह गरम पानी के झरने एवम चमड़े के कारीगरी के लिए भी प्रसिद्ध है, इसके अलावा नयागढ़ में नीचे दिए गए स्थल भी प्रमुख दर्शनीय स्थल है-
कण्टिलो – नयागढ़ में महानदी के किनारे स्थित यह शहर नीलमाधब मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। एवम यहां के धातु के बने बरतनों की कारीगरी भी प्रसिद्ध है।
शरणकुल – नयागढ़ से 20 किमी दूर स्थित यह स्थान लाडूकेश्वर महादेव मंदिर के प्रसिद्ध है। शिव भगवान को समर्पित यह मंदिर लाडूबाबा के नाम से भी प्रसिद्ध है, यहां शिवरात्रि बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।
ओडगांव – यह स्थान भगवान रघुनाथ जी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। भगवान राम को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 1903 में हुआ था एवम यहां राम नवमी बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।
ताराबालो – भुवनेश्वर से 75 किमी दूर स्थित यह स्थान गरम पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यह शांत एवम प्राकृतिक वातावरण लिए हुए एक आदर्श जगह है।
बारमूल – महानदी के किनारे घाटियों में बसे इस गांव में सूर्योदय एवम सूर्यास्त का नजारा अद्वितीय प्रतीत होता है, यहां बंगाल टाइगर, हिरण, भालू, एवम अन्य जंगली जानवरों को विचरण करते हुए देखा जा सकता है।
नयागढ़ कैसे पहुंचे
- नयागढ़ वायुमार्ग से पहुंचने के लिए भुवनेश्वर का बीजू पटनायक हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है एवम यह देश के विभिन्न बड़े हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग से पहुंचने के लिए खुदरा रोड जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है जो देश के विभिन्न बड़े रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग से यहां राष्ट्रीय राजमार्ग 57 द्वारा पहुंचा जा सकता है।