राम मंदिर पर स्कूल में निबंध लिखने को कहा जा सकता है, इसलिए आपकी सहायता करने के मकसद से हमारे द्वारा एक निबंध तैयार किया गया है। इस निबंध को आप अपने द्वारा खोजी गई जानकारी एवम् अपने विवेक का इस्तेमाल करके और भी बेहतर बना सकते है।
राम मंदिर पर हिंदी में विस्तृत निबंध
प्रस्तावना :- उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में वैसे तो 5000 से भी ज्यादा मंदिर है लेकिन उनमें से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर प्रमुख है। रामायण के अनुसार अयोध्या में ही प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था और यहीं पर उन्होंने राज किया था। अयोध्या में राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है एवम् इस मंदिर का अनेक बार निर्माण एवम जीर्णोद्वार हुआ है।
राम मंदिर का इतिहास :- माना जाता है की त्रेता युग में पहली बार राम मंदिर का निर्माण उनके पुत्र कुश ने करवाया था, द्वापर युग में इस जगह मंदिर का निर्माण श्री कृष्ण ने करवाया था। इसके बाद राजा विक्रमादित्य ने यहां मंदिर निर्माण करवाया था, जिसे विदेशी आक्रमणकारी बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना करने के बाद 1529 में तुड़वा कर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण कर दिया था।
राम मंदिर विवाद :- मस्जिद बनने को लेकर हिंदुओ में गहरा विरोध था तथा पहली बार विरोध की घटना 1853 में दर्ज की गई तथा 1858 में हिंदुओ द्वारा मस्जिद के बाहर चबूतरा बना दिया गया और इस पर पूजा करने लगे। वर्ष 1949 में मस्जिद के अंदर राम एवम् सीता की मूर्तियां मिलने से एक बाद फिर दंगे शुरू हो गए। 6 दिसंबर 1992 को 1 लाख से अधिक कारसेवकों ने मिलकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया फिर अदालत के आदेश पर इस स्थान को बंद कर दिया गया।
अदालत का फैसला :- 3 दशकों तक इस स्थान को लेकर अदालत में मुकदमा चला, 2 बार इस जगह पर भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई करके साक्ष्य जुटाए जिसमे पाया गया की मस्जिद का निर्माण राम मंदिर को तोड़कर किया गया था। 9 नवंबर 2019 को आखिरी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं पक्ष में फैसला सुनाया और मंदिर बनाने के आदेश दिए। मंदिर के निर्माण एवम संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट के गठन के आदेश दिए, राम मंदिर का निर्माण ट्रस्ट को हिंदुओ द्वारा दिए गए चंदे से किया जा रहा है।
मंदिर निर्माण :- 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। राम मंदिर का निर्माण उत्तर भारत की मंदिर निर्माण शैली “नागर शैली” में किया गया है। मंदिर की डिजाइन एवम् वास्तु गुजरात के मशहूर मंदिर डिजाइनर चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाई है, एवम् मुख्य मूर्ति का निर्माण मैसूर कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगिराज ने किया है।
मंदिर का निर्माण पत्थरों को आपस में जोड़कर किया जाएगा एवम् मंदिर निर्माण में सीमेंट एवम् लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर गांव से निकलने वाले गुलाबी पत्थर का प्रयोग किया गया है एवम सजावट के लिए राजस्थान के मकराना से निकलने वाले मार्बल का प्रयोग किया गया है।
मंदिर का बजट :- मंदिर निर्माण के लिए 1800 करोड़ का बजट पारित किया गया है, यह राशि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को मिले दान में से इस्तेमाल की जाएगी। मंदिर के निर्माण एवम रखरखाव की जिम्मेदारी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी को दी गई है, मंदिर ने इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया है। कंपनी ने बताया है की मंदिर 1000 सालो तक अपने स्थान पर सुरक्षित खड़ा रहेगा तथा भूकंप और तूफान का भी मंदिर पर कोई असर नहीं होगा।
मूर्ति स्थापना एवम मंदिर उद्घाटन :- राम मंदिर का उद्घाटन एवम् प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया, इस मौके पर देश के प्रमुख संत महात्माओं एवम् प्रमुख हस्तियों सहित 20,000 लोगो को आमंत्रित किया गया था। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से 22 जनवरी तक पूरी चला। 23 जनवरी 2024 से मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया।
राम मंदिर पर 200 शब्दो का निबंध
राम मंदिर का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है, राम मंदिर का इतिहास त्रेता युग से माना जाता है, लेकिन प्राचीन राम मंदिर को सन् 1528 में मुगल बादशाह बाबर के आदेश पर तोड़ दिया गया था, तथा उसकी जगह बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया था। राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदुओ ने लगभग 500 वर्षों का इंतजार किया है, इसी दौरान मंदिर को लेकर हिंदुओ और मुस्लिमो के बीच कई बार संघर्ष भी हुए है।
5 दिसंबर 1992 को विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने अयोध्या में एकत्रित होकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। लगभग 3 दशक तक हिंदू एवम् मुस्लिम पक्ष के बीच अदालत में मुकदमा चला जिसमे अंततः 5 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओ के पक्ष में फैसला सुनाया और मंदिर निर्माण के आदेश दिए। 5 अगस्त 2020 को मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया तथा लगभग 4 साल बाद 22 जनवरी 2024 को मंदिर में मूर्ति स्थापना की गई एवम् आम जनता के लिए खोल दिया गया।
मंदिर का निर्माण “नागर शैली” में किया गया। मंदिर 161 फीट ऊंचा, 250 फीट चौड़ा एवम् 380 फीट लंबा है तथा मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ भूमि में किया गया है। मंदिर का निर्माण पूर्णतः पत्थर से बिना सीमेंट एवम् पत्थर के किया गया है। मंदिर बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है की मंदिर 1000 वर्षों से भी अधिक समय तक सुरक्षित रहेगा एवम् मंदिर पर भूकंप तथा तूफान का कोई असर नहीं होगा। राम मंदिर के निर्माण से राष्ट्र का गौरव तथा एकजुटता बढ़ेगी, मंदिर निर्माण से पर्यटन में भी वृद्धि होगी एवम् स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
राम मंदिर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है।
- राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को किया गया।
- राम मंदिर का वास्तुकार अहमदाबाद गुजरात के रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा है।
- राम मंदिर मूर्ति के शिल्पकार अरुण योगिराज है।
- राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवम् लंबाई 380 फीट है।
- मंदिर में कुल 5 मंडप एवम् 5 शिखर है।
- राम मंदिर का निर्माण पूर्णतय पत्थरों से किया गया है एवम् इसमें सीमेंट तथा लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।
- राम मंदिर की आयु 1000 सालो से भी ज्यादा रहेगी।
- मंदिर को भूकंप एवम् तूफान से कोई नुकसान नहीं होगा।
- मंदिर में अष्ठ धातु से बना 2100 किलो का घंटा लगाया गया है जिसकी आवाज 2 किमी दूर तक सुनाई देगी।