राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक तथा आध्यात्मिक तीर्थ स्थल है, राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक तथा प्रतीकात्मक जीत है। राम मंदिर निर्माण का इंतजार लगभग 5 शताब्दी लंबा है जो 2024 में पूरा हुआ है।
राम मंदिर का महत्व
राम मंदिर का हिंदू धर्म में धार्मिक एवं आध्यात्मिक दोनो तरह से महत्व है, धार्मिक रूप से अयोध्या को राम जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। माना जाता है की श्री राम का अयोध्या में जन्म हुआ था और उन्होंने अपना अधिकतम जीवन अयोध्या में ही व्यतीत किया था।
वही आध्यात्मिक रूप से माना जाता है की श्री राम आज भी अयोध्या में वास करते है तथा अयोध्या आने वाले एवं श्री राम को मानने वाले सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते है। समय एवं स्थान से परे इस मंदिर का 500 वर्षों के इंतजार के बाद पुनर्निर्माण होने से हिंदुओ का खोया हुआ विश्वास एक बार फिर से गहरा हुआ है।
राम मंदिर का धार्मिक महत्व
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था एवं युगों युगों से श्री राम के जन्मस्थान पर ही राम मंदिर बना हुआ था जिसका कालांतर में कई बार पुनर्निर्माण एवं जिर्णोद्वार हुआ था। श्री राम को मर्यादा पुरषोत्तम होने के कारण पूजा जाता है, उन्होंने अपने पिता के एक आदेश पर राजमहल छोड़ कर 14 वर्षों तक जंगलों में जीवन व्यापन किया था।
इसी वजह से श्री राम युगों युगों से करोड़ो लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए है। अयोध्या राम भक्तों के लिए आस्था एवं भक्ति का केंद्र रहा है तथा यहां का महत्व इतना है की हर हिंदू जीवन में एक बार अयोध्या अवश्य देखना चाहता है। श्री राम का जीवन कठिनाइयों एवं संघर्ष में गुजरा है जिसे देखकर लोग प्रेरित होते है, जीवन में सही निर्णय लेने का प्रण करते है तथा अपने हृदय को शुद्धता से परिवर्तित करते है।
राम मंदिर का आध्यात्मिक महत्व
आध्यात्म का मतलब आत्मा से जुड़ा हुआ माना जाता है, राम मंदिर में आने वाले न केवल पूजा करने आते है बल्कि अपनी आत्मा की शुद्धता के लिए यहां प्रार्थना करते है, अपने मन की बातो को श्री राम के समक्ष रखकर खुद को और मजबूत बनाते है।
अयोध्या का आध्यात्मिक महत्व इतना है की यहां आने वाले हर एक व्यक्ति के अंदर से पाप एवं बुराइयां स्वतः ही निकल जाती है। यहां हनुमान गढ़ी मंदिर, दशरथ महल, सरयू के घाट, राम की पैड़ी आदि अनेकों स्थान एवम हजारों मंदिर है जिनके दर्शन करने से जीवन की कठिनाइयां एवं दुख दूर होते है।
राम मंदिर की विशेषताएं
राम मंदिर वैसे तो स्वयं ही एक विशेष स्थान है इसके अंदर इतनी विशेषताएं है की सबको एक बार में गिनाया नही जा सकता लेकिन कुछ प्रमुख बाते है जो सभी को पता होनी चाहिए।
- राम मंदिर का निर्माण लगभग 500 वर्षों के इंतजार के बाद पूरा हुआ है।
- यह प्रभु श्री राम को समर्पित विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है।
- मंदिर का निर्माण पूर्णतय पत्थरों से किया गया है जिसकी वजह से मंदिर 1000 वर्षों तक अपने स्थान पर अडिग खड़ा रहेगा।
- मंदिर में मूर्ति को करोड़ों वर्ष पुरानी काले रंग की चट्टान से बनाया गया है एवम इस पर पानी, सिंदूर, एसिड आदि किसी भी चीज का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- राम मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया गया है एवम मंदिर निर्माण में नागर शैली का प्रयोग किया गया है।
- मंदिर में 5 मंडप एवं 1 गर्भगृह बनाए गए है।
- राम मंदिर में अष्ठ धातु से बना हुआ घंटा लगाया गया है जिसका वजन 2100 किग्रा है एवम इसकी आवाज 2 किमी दूर तक सुनी जा सकती है।
- मंदिर निर्माण में समस्त भारतवर्ष के लोगो का योगदान है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए 5000 करोड़ रुपए से अधिक धन का दान दिया है।
राम मंदिर निर्माण की समयावधि
राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को भारत के यशश्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया एवं मंदिर का उद्घाटन तथा प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ही की गई। प्राण प्रतिष्ठा के समय मंदिर के प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो चुका था एवं द्वितीय तल का निर्माण कार्य गतिशील है, निर्माणाधीन राम मंदिर के दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
राम मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम
मंदिर निर्माण के बाद से राम मंदिर में प्रतिदिन सायं 3 बजे से 5 बजे तक राम राग सेवा आयोजित की जाती है जिसमे प्रतिदिन देश के प्रख्यात कलाकारों द्वारा भजन संध्या, पारंपरिक नृत्य एवं अन्य प्रस्तुतियां दी जाती है। 26 जनवरी 2024 से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम 10 मार्च को समाप्त होगा तथा इसमें देश के प्रमुख 100 कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।